शहर

शहर

अपने पराये , घर - बार और
शहर तक छूट गया |
वो जो देखा था प्यार का सपना
आज टूट गया |

 मुझ में इक शहर,

मुझ में इक शहर,

तेरी यादों ने इस,
तरह बसा रखा है,
मुझ में इक शहर,
कहीं भी जाऊं,
वीरानियाँ नसीब,
नहीं होती |
Happy Valentines Day